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भारत कोरोना की दूसरी लहर से चौंक गया; उसने अमेरिका से सीख नहीं ली और तैयारी भी नहीं कर पाया. इसका खामियाजा अब जनता भुगत रही है: क्या सच में कोरोना के तीसरे लहर में भारत नंबर 1 पर आ जायेगा

'धीमी वैक्सीनेशन दर के कारण भारत कोरोना वायरस को म्यूटेट होने का पूरा अवसर दे रहा है, जो दुनिया के लिए खतरा बन सकता है। दुखद है कि भारत से जिस तैयारी की उम्मीद थी, वह नाकाफी रही है।' ये कहना है डॉ. सायरा मडाड का, जो अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी हेल्थ हॉस्पीटल चेन की सीनियर डायरेक्टर हैं। यह अमेरिका की सबसे बड़ी नगरीय स्वास्थ्य संस्था है। इसके अलावा डॉ. मडाड अमेरिका के कोविड रिस्पॉन्स टास्क फोर्स की सदस्य और न्यूयॉर्क में 'कोविड टेस्ट, ट्रेस और टेक केयर प्रोग्राम के साथ कोविड वैक्सीन कम्युनिकेशन वर्कग्रुप की प्रमुख भी हैं। पढ़िए भास्कर के रितेश शुक्ल से हुई उनकी बातचीत के प्रमुख अंश... • महामारी की मौजूदा परिस्थिति को कैसे देखना चाहिए? इससे कब तक छुटकारा मिल सकता है? हम अभी वैश्विक कोविड महामारी के इमरजेंसी फेज में हैं और इस स्थिति से बाहर आने में 2 साल तक लग सकते हैं। महामारियां एकदम से कभी खत्म नहीं होतीं। वैश्विक महामारी घटने के बाद भी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में समस्या बनी रह सकती है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि 1917-18 में आया स्पैनिश फ्लू अभी भी संक्रमित करता है और इससे बच

कोर्ट का बड़ा फैसला , पैदल यात्री की लापरवाही से दुर्घटना हो तो ड्राइवर की गलती नहीं

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सड़क दुर्घनाओं के मामले में मुंबई की दादर कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। मजिस्ट्रेट कोर्ट के जज प्रवीण पी. देशमाने ने कहा, 'सड़क पर चलते या उसे पार करते समय सावधानी बरतना पैदल चलने वाले की ड्यूटी है। अगर उसकी लापरवाही से दुर्घटना होती है, तो उसके लिए गाड़ी चलाने वाले को अपराधी नहीं माना जा सकता।' जज ने ये कहते हुए 56 साल की महिला व्यवसायी को पांच साल पुराने सड़क दुर्घटना के मामले से बरी कर दिया। मामला 20 अक्टूबर 2015 का है। उस दिन महिला पैदल अपने ऑफिस जा रही थी। जब वो पारसी अज्ञारी पहुंची, तो पीछे से आ रही एक कार ने उसे टक्कर मार दी। इससे महिला जमीन पर गिर पड़ीं और कार का पहिया उनके पैर से गुजर गया। ये कार एक महिला व्यवसायी चला रही थीं। दुर्घटना होते ही महिला कार रोकी भी। अगले दिन, घायल महिला के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कुछ हफ्तों बाद घायल महिला का बयान दर्ज किया गया और केस दर्ज किया गया। इस मामले में भोईवाड़ा पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था।

जाने क्यों रोने लगा प्रवासी वो भी एक मददगार लड़की को देख कर ।

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मैड्रिड इंसानियत बयां करती यह तस्वीर स्पेन के सेउता की है। रेडक्रॉस वॉलेंटियर लूना रेयस (20) सेनेगल से आए प्रवासी को बेहद अपनेपन के साथ गले लगाती दिख रही हैं। उनकी यह तस्वीर स्पेन के सोशल मीडिया पर जब वायरल हुई, तो पहले उन्हें भद्दी और नस्लवादी टिप्पणियां झेलनी पड़ीं। स्पेन की दक्षिणपंथी वोक्स पार्टी के समर्थकों ने उन्हें निशाना बनाया था। लेकिन कुछ घंटे बाद दुनियाभर से उन्हें सराहना मिलने लगी। लोग तस्वीर देख भावुक हुए और हैशटेग 'ग्रेशियस लूना' ट्रेंड करने लगा। बता दें, मोरक्को से करीब 8,000 प्रवासी स्पेन पहुंचे हैं।  वह मेरा हाथ पकड़कर रोने लगा जैसे में ही जीवन रेखा हूं: लूना लूना ने कहा, 'उसने जब मुझे पास आता देखा, तो मेरा हाथ पकड़कर रोने लगा और लिपट गया। जैसे मैं ही उसकी जीवनरेखा हूं।' वहीं फोटोग्राफर बर्नेट अर्मांग ने कहा, 'ये एक इंसान का दूसरे से रिश्ता बयां करती तस्वीर है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन, कहां का और किस रंग का है। दोनों सिर्फ इंसान थे।'

न्यूजीलैंड: घर बनाने में एक छोटी सी गलती के लिए भारतीय मूल के दीपक को देना होगा 1.65 करोड

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ऑकलैंड | न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में रह रहे भारतीय मूल के दीपक लाल के मकान में निर्माण में गलती होने के कारण अधिकारियों ने उनसे कहा कि वे घर को 1 मीटर खिसकाएं या पड़ोसियों को 1.65 करोड़ रुपए का भुगतान करें। बकौल दीपक, 'डिजाइनिंग में हुई गलती के कारण घर तय जगह से 1 मीटर आगे बन गया है।' जैसा कि मैं बता दूं कि हमारे यहां छोटी सी गलती होती है तो उसकी सुनवाई आपस में मिल कर भी सुलझा ली जाती है या फिर कुछ पैसे देकर जमीन खरीद लिया जाता है लेकिन न्यूजीलैंड में रह रहे दीपक लाल को यह पड़ा महंगा क्युकी घर बनाते वक्त उनका डिजाइन के वजह से  1 मीटर जमीन पड़ोसी के नक्शे चली गई है जिसके वजह से इन पर न्यूजीलैंड पुलिस द्वारा उन्हें कहा गया ही की वे या तो अपना घर 1 मीटर पीछे करे नही तो अपने पड़ोसी को 1.65 करोड़ अपने पड़ोसी को चुकाए ।

रखे ध्यान, क्युकी पशु भी हो रहे बीमार : हो सकती है खतरनाक बीमारी

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प्रतिकूल मौसम का असर मनुष्य के साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इधर 20दिनों से तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। मौसम का मिजाज बिल्कुल विपरीत है.। कभी गर्मी कभी ठंडी कभी धूप तो कभी वर्षा से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जानकारी देते हुए केवीके सिरिस के पशु वैज्ञानिक डॉ आलोक भारती ने बताया कि ऐसे मौसम में पशुओं की देखभाल नितांत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि बे-मौसम बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है। वहीं पशु भी तनाव मुक्त हुए हैं। लेकिन शनिवार से मौसम ने एक बार फिर रूप बदला और उमस वाली गर्मी पड़ने लगी। जिससे किसानों के साथ पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि इस तरह के मौसम में पशुपालकों को सचेत रहने की जरूरत हैं। खासकर पशुओं को पानी से नहीं भींगने देना चाहिए। पशुओं के भींग जाने पर धूप में नहीं बांधना चाहिए।  क्या है आंकरता पशु के लक्षण वा बचाब  वैज्ञानिक ने बताया कि पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए गौशाला की ठीक से सफाई की जानी चाहिए। प्रयास रहें कि जहां मवेशी बांधे जाते हैं वहां पानी का जमाव नहीं लगे। साथ हीं पशुपालक पशुओं के गोबर का निपटारा पशुशाला से थ

गरीबों को दिए जा रहे भोजन में भी हो रही मिलावट : भोजन की गुणवाता सही नही

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लॉकडाउन में कोई भी गरीब मजदूर भूखा न रह जाए, इसलिए जिले के सभी 11 प्रखंडों में कम्युनिटी किचन संचालित किया जा रहा है। जिससे गरीबों व मजदूरों को भोजन मिल रहा है। हालांकि कुछ प्रखंडों में इसमें अनियमितता की भी बात सामने आ रही है। जिसको लेकर डीएम से शिकायत की गई है। कुछ प्रखंडों में संचालित कम्युनिटी किचन का संचालन सही तरीके से किया जा रहा है। कुछ प्रखंडों में अनियमितता बरती जा रही है। सिर्फ कम्युनिटी किचन की खानापूर्ति की गई है। इसका लाभ लोगों को कम ही मिल रहा है। जिले के मदनपुर व देव प्रखंड में संचालित कम्यूनिटी किचन में लापरवाही की बात सामने आयी है। जबकि अन्य प्रखंडों में इसकी व्यवस्था ठीक-ठाक है। गरीब व मजदूर को लाभ मिल रहा है। लोग कम्यूनिटी किचन पर पहुंचकर भोजन कर रहे हैं। 'देव प्रखंड मुख्यालय के डाकबंगला समीप संचालित कम्यूनिटी किचन में अनियमितता की शिकायत मिलने पर रविवार को आपदा प्रबंधन पदाधिकारी फतेह फैयाज ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि देव में संचालित कम्यूनिटी किचन में अनियमितता बरती जा रही है। न तो बैठने की व्यवस्था की गई है और न ही भोजन की गुणवत्ता सही

तीसरी लहर से बच्चो को ज्यादा है खतरा : समय रहते ही तयारी शुरू कर तीसरी लहर से अपने बच्चो को ऐसे रखे ।

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• थर्ड वेब रोकने के लिए बच्चों वाले घर में युवा . से लेकर बुजुर्गों तक को वैक्सीनेशन जरूरी  •  बाजार में सोशल दूरी व मास्क जरूरी, ताकि न आए घर में संक्रमण, बरतें सावधानी समय से पहले जिले में थर्ड वेब की तैयारी शुरू कर दी गई है, लेकिन अगर आप सतर्क रहे तो इसकी नौबत नहीं आएगी। हालांकि तैयारी करना बेहद जरूरी है। क्योंकि थर्ड वेब में बुजुर्ग और युवा के साथ कोरोना बच्चों को भी चपेट में ले सकता है। इसलिए डीएम सौरभ जोरवाल के निर्देश पर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है। रविवार को शिशु वार्ड का निरीक्षण किया गया। जिसमें डॉक्टर रूम, सिस्टर रूम, रिसेप्शन एरिया, ट्राएज रूम, एचडीयू व जनरल वार्ड का निरीक्षण किया गया। ट्राएंज रूम में बच्चों की स्थिति का मूल्यांकन कर बेड पर शिफ्ट किया जाता है। ट्राएज रूम में फिलहाल दो बेड हैं। वहीं एचडीयू वार्ड में दो बेड और जनरल वार्ड में छह बेड लगे हैं। शिशु वार्ड में फिलहाल रोस्टर ड्यूटी के अनुसार छह नर्स काम कर रही हैं। वहीं हर शिफ्ट में एक डॉक्टर लगाए गए हैं। यह सुविधा काफी है, लेकिन हालात बिगड़न