रखे ध्यान, क्युकी पशु भी हो रहे बीमार : हो सकती है खतरनाक बीमारी

प्रतिकूल मौसम का असर मनुष्य के साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इधर 20दिनों से तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। मौसम का मिजाज बिल्कुल विपरीत है.। कभी गर्मी कभी ठंडी कभी धूप तो कभी वर्षा से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

जानकारी देते हुए केवीके सिरिस के पशु वैज्ञानिक डॉ आलोक भारती ने बताया कि ऐसे मौसम में पशुओं की देखभाल नितांत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि बे-मौसम बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है। वहीं पशु भी तनाव मुक्त हुए हैं। लेकिन शनिवार से मौसम ने एक बार फिर रूप बदला और उमस वाली गर्मी पड़ने लगी। जिससे किसानों के साथ पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि इस तरह के मौसम में पशुपालकों को सचेत रहने की जरूरत हैं। खासकर पशुओं को पानी से नहीं भींगने देना चाहिए। पशुओं के भींग जाने पर धूप में नहीं बांधना चाहिए। 

क्या है आंकरता पशु के लक्षण वा बचाब 

वैज्ञानिक ने बताया कि पशुओं को
स्वस्थ रखने के लिए गौशाला की ठीक से सफाई की जानी चाहिए। प्रयास रहें कि जहां मवेशी बांधे जाते हैं वहां पानी का जमाव नहीं लगे। साथ हीं पशुपालक पशुओं के गोबर का निपटारा पशुशाला से थोड़ी दूर पर करें। इससे बदबू एवं कीड़ों का प्रभाव पशुशाला पर नहीं पड़ेगा। आक्रांत पशु का मुख्य लक्षण भूख नहीं लगना, पानी कम पीना, अपच की स्थिति, शरीर का तापमान का बढ़ना, चलने फिरने में तकलीफ होना आदि है। इससे बचाव के लिए पशुओं को अनुपात से ज्यादा अनाज या पहले का जूठा भोजन खाने के लिए नहीं दें। किसी समारोह में बचा हुआ भोजन खिलाने से भी पशु बीमार पड़ सकते है। पशुओं को समय-समय पर कृमि नाशक दवा देना चाहिए। बताया कि पशुशाला को साफ रखे कभी भी हवा को अवरुद्ध ना करें। . सरकार द्वारा चलाये जा रहे टीकाकरण योजना के अनुरूप प्रतिवर्ष पशुओं को टीका दिखलायें। उन्होंने बताया कि किसी तरह की बीमारी की लक्षण दिखने पर पशुपालक को अविलंब पशु चिकित्सक से सम्पर्क कर उपचार कराना चाहिए।

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