कोर्ट का बड़ा फैसला , पैदल यात्री की लापरवाही से दुर्घटना हो तो ड्राइवर की गलती नहीं
सड़क दुर्घनाओं के मामले में मुंबई की दादर कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। मजिस्ट्रेट कोर्ट के जज प्रवीण पी. देशमाने ने कहा, 'सड़क पर चलते या उसे पार करते समय सावधानी बरतना पैदल चलने वाले की ड्यूटी है। अगर उसकी लापरवाही से दुर्घटना होती है, तो उसके लिए गाड़ी चलाने वाले को अपराधी नहीं माना जा सकता।' जज ने ये कहते हुए 56 साल की महिला व्यवसायी को पांच साल पुराने सड़क दुर्घटना के मामले से बरी कर दिया।
मामला 20 अक्टूबर 2015 का है। उस दिन महिला पैदल अपने ऑफिस जा रही थी। जब वो पारसी अज्ञारी पहुंची, तो पीछे से आ रही एक कार ने उसे टक्कर मार दी। इससे महिला जमीन पर गिर पड़ीं और कार का पहिया उनके पैर से गुजर गया। ये कार एक महिला व्यवसायी चला रही थीं। दुर्घटना होते ही महिला कार रोकी भी। अगले दिन, घायल महिला के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कुछ हफ्तों बाद घायल महिला का बयान दर्ज किया गया और केस दर्ज किया गया। इस मामले में भोईवाड़ा पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था।
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