आज कल कोरोना के मामले में काफी आ रही कमी लेकिन कभी भी बढ़ सकता है कोरोना का मामला जाने पूरी क्या है सचाई ।
कोरोना महामारी के कारण इसबार मानसून पूर्व तैयारी में काफी विलंब हुआ। अब और विलंब उचित नहीं। यह अच्छी बात है कि इसबार राज्य सरकार खुद सतर्कता बरत रही है। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सभी नगर निकायों को मानसून से पहले नाला उड़ाही व संप हाउसों का काम शीघ्र पूरा कर लेने का निर्देश दिया है। साथ ही शर्त लगा दी है कि शहरी निकायों को इस आशय का सर्टिफिकेट देना होगा कि उनके इलाके में जलजमाव की समस्या नहीं होगी। उपमुख्यमंत्री की इस शर्त से हैरानी नहीं होनी चाहिए, नगर निकायों को अपनी जवाबदेही समझनी होगी। कई शहरों में नाला उड़ाही का काम शुरू भी नहीं हो पाया है। पटना में तो मुकम्मल तैयारी का दावा किया जा रहा, लेकिन मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में अभी बहुत काम करना बाकी है। कुछ जगहों पर नए नाले बनाए जा रहे हैं, जिसे तत्काल पूरा कर लेना होगा। कई जगहों पर नाले पर अतिक्रमण कर लिया गया है, जिसे यथाशीघ्र मुक्त कराना होगा।
कई जगहों पर नाला उड़ाही की सुस्त रफ्तार की वजह से ही जलजमाव की समस्या बरकरार है। ऐसे इलाके की पहचान कर जलनिकासी की ठोस व्यवस्था करनी होगी। हाल की बारिश में शहर जलजमाव से जूझता नजर आया। घरों और दुकानों में पानी प्रवेश कर गया। अधिकारियों को यह देखना होगा कि यह स्थिति आगे उत्पन्न न हो। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। मानसून आने से पहले नालों की उड़ाही का काम संपन्न कर लेना होगा। इसके लिए अगर संसाधनों की कमी है तो उसे हर हाल में उपलब्ध कराए जाएं। पोकलेन-जेसीबी सहित अन्य मशीनों की संख्या बढ़ाई जाए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इसकी चिंता करनी चाहिए कि उनके इलाके को जलजमाव से कैसे मुक्ति मिले। बेहतर हो कि वे खुद इसकी मॉनीटरिंग करें कि दिशानिर्देशों के अनुरूप काम हो पा रहा या नहीं। नाला उड़ाही का काम पूरा कर लेने का प्रमाणपत्र वार्ड पार्षदों को भी देना है। अभी देखा ये जा रहा है कि कई वाडौँ में बड़ी आबादी जलजमाव की समस्या से जूझ रही है और वार्ड पार्षद सबकुछ दुरुस्त होने का प्रमाणपत्र जारी कर दे रहे हैं। उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी कि जनता के प्रति वह सीधे जिम्मेदार हैं।
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