कथित अपराध के लिए अब गंभीर होगा जांच प्रताल : अब अपराधियों की जमानत में होगी कड़ी सुनवाई क्या होगा जब होगा ये कानून पास

नई दिल्ली, : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी आरोपित को जमानत देते समय अदालत को कथित अपराध की गंभीरता का आकलन करना होगा और बिना कोई कारण दर्शाए आदेश पारित करना न्यायिक प्रक्रियाओं के मौलिक नियमों के विपरीत है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने | इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए यह टिप्पणी की, जिसने दहेज हत्या मामले में एक आरोपित को जमानत दे दी थी। पीठ ने कहा, 'वर्तमान मामले की तरह कथित अपराध की गंभीरता से हाई कोर्ट अनजान नहीं हो सकता, जहां एक महिला की शादी के एक वर्ष के अंदर ही अप्राकृतिक मौत हो गई।' पीठ ने कहा, 'आरोपों को देखते हुए कथित अपराध की गंभीरता का आकलन करना होगा कि दहेज के लिए उसका उत्पीड़न किया गया।'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दहेज के लिए आरोपित के खिलाफ उत्पीड़न के विशिष्ट आरोप हैं।

 शीर्ष न्यायालय ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को किया दरकिनार कहा, बिना कारण दर्शाए आदेश पारित करना मौलिक नियमों के खिलाफ

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