जुनून के साथ बढ़ रहे खिलाड़ी इतने बड़े कोरोना संकट में भी खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी ।

 कोरोना के संकट ने देश के किशोर-युवा खिलाड़ियों के मनोबल पर भी असर डाला है। बावजूद इसके वे खेल के प्रति अपने जुनून को बरकरार रखे हुए हैं। सीमित संसाधनों व प्रतिकूल माहौल में प्रैक्टिस कर रहे हैं । शारीरिक-मानसिक फिटनेस का ध्यान रख रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि मनोबल ऊंचा रखने में सकारात्मकता ही उनकी मदद करेगी....


बिहार शरीफ के पर्वतारोही बि अभिषेक रंजन को बचपन से ही पर्वतों की चोटियों पर चढ़ाई करने का शौक रहा है। जब कोविड ने दस्तक दी, तो वह थोड़े परेशान हुए कि अब पता नहीं कब पहाड़ों पर जाना होगा, लेकिन बीते 19 अप्रैल को उन्होंने हिम्मत कर अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी किलिमंजारो पर चढ़ाई करनी शुरू की और महज तीन दिनों में इस चोटी पर तिरंगा लहराने में सफल रहे। अभिषेक बताते हैं, 'खड़ी चढ़ाई पर प्रतिकूल परिस्थितियों में चढ़ना आसान नहीं था। I सिर दर्द के साथ उल्टी आदि हुई। बावजूद इसके, मैंने अपना हौसला नहीं खोया। मैं यही मानता हूं कि हमें विपरीत माहौल में कभी भी टूटना नहीं चाहिए, क्योंकि वही जीवन का सबसे बड़ा सबक देता है।'


आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में रहने वाले शिवांश पांडे टेनिस के खिलाड़ी हैं। कोविड-19 के दस्तक देने के बाद जब कई सारी पाबंदियां लग गई और स्पोट्र्स इवेंट्स पूरी तरह बंद हो गए, तब भी उन्होंने खुद को निराश नहीं होने दिया। बताते हैं शिवांश, 'मैंने महामारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। मेरे अभ्यास में किसी प्रकार का बदलाव नहीं आया। मैं हफ्ते में तीन बार तीन से पांच घंटे प्रैक्टिस करता रहा। शाट्स की प्रैक्टिस के साथ अपने फिटनेस का भी पूरा ध्यान रखता हूं। यही वजह थी कि अप्रैल महीने में मैंने दो सिल्वर मेडल जीते एवं क्वींसलैंड स्टेट टीम में मेरा चयन भी हुआ।" उम्मीद को रखा है जिंदा: बिहार के नालंदा जिले की रग्बी खिलाड़ी श्वेता शाही घर पर ही रहकर कार्डियो एवं स्ट्रेंथं 'वर्कआउट करती हैं। मन को पाजिटिव रखने की कोशिश करती हैं। अप्रैल महीने में श्रीनगर में जब रग्बी का प्रदर्शनी मैच आयोजित किया गया, तो उसमें देशभर के शीर्ष खिलाड़ियों को शामिल होने का मौका मिला। मैच के अनुभव के बारे में श्वेता ने बताया, 'पूरे एक साल के बाद मुझे किसी राष्ट्रीय स्तर के इवेंट में भाग लेने का अवसर मिला था। इससे हम खिलाड़ियों का मनोबल काफी बढ़ा, लेकिन इस बीच कोरोना की दूसरी लहर आने एवं लाकडाउन होने से परिस्थितियां फिर से विकट हो गई है। प्रैक्टिस करने में मुश्किल आ रही है। वह आगे कहती हैं, एक स्पोट्र्सपर्सन का करियर अधिक लंबा नहीं होता। जब तक शरीर युवा है, तभी तक आप खेल सकते हैं। अपनी परफार्मेस में सुधार ला सकते हैं। लेकिन बीते दो वर्ष बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहे हैं। हालांकि उम्मीद पर दुनिया कायम है और मैं भी भविष्य को लेकर आशावान हूं।'


फोकस रहकर कर रहे प्रैक्टिस : देश के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को पूरी उम्मीद है कि वह आने वाले ओलंपिक खेलों में भारत का परचम लहराएंगे। कोविड-19 के बीच भी नीरज अपने अभ्यास से कोई समझौता नहीं कर रहे हैं। वह पूरी तरह फोकस रहकर अपनी तैयारी कर रहे हैं। उनके अनुसार, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं भाग नहीं ले पाने के कारण कुछ मुश्किलें जरूर आ रही हैं, लेकिन वह खुद के मोटिवेशन लेवल को कम नहीं होने दे रहे हैं।


नीरज कहते हैं, 'जब मैं अच्छे से ट्रेनिंग कर रहा हूं, तो इसका मतलब है कि मैं खुद को पाजिटिव एवं मोटिवेटेड भी रखता हूँ। अपनी डाइट पर भी उतना ही ध्यान दे रहा हूं। टीवी देखना या अखबार आदि पढ़ना बंद कर दिया है, ताकि ओलंपिक पर पूरा

फोकस कर सकूं।' आपसी मोटिवेशन से मिलता है बलः आइपीएल की मुंबई इंडियंस टीम के सदस्य एवं बल्लेबाज सौरभ तिवारी की मानें तो कोविड की दूसरी लहर ने खिलाड़ियों के मनोबल को बहुत हद तक प्रभावित किया है, लेकिन कोई भी खिलाड़ी अपने फिटनेस लेवल से समझौता नहीं कर सकता। इन दिनों जब बाहर जाना बिल्कुल बंद है, ऐसे में वह घर में मौजूद संसाधनों से ही वर्कआउट, वेट ट्रेनिंग आदि करते हैं। सौरभ कहते हैं, 'पिछले साल हमें मुंबई में अभ्यास करने का अच्छा अवसर मिला था। वहीं से हम यूएई गए और जब लौटे तो स्थितियां सामान्य होने की ओर बढ़ रही थीं। हम में से किसी ने भी सोचा नहीं था कि परिस्थितियां अचानक ही इतनी विकराल हो जाएंगी। हमारा फील्ड में जाकर प्रैक्टिस करना बंद हो जाएगा। खाने पीने की आदतें बदल जाएंगी। लेकिन जो भी हालात है, उन्हीं में रास्ता तलाशना है।


सौरभ बताते हैं कि टीम के कोच एवं अन्य विशेषज्ञों की ओर से नियमित रूप से प्रैक्टिस एवं डाइट को लेकर दिशा निर्देश आते रहते हैं। हम सभी वर्चुअली एक-दूसरे से जुड़कर विचार-विमर्श करते हैं। अपनी परेशानियों को साझा करते हैं, ताकि उनका समय रहते समाधान निकाला. जा सके। इसी तरह आपसी मोटिवेशन से सभी अपना मनोबल ऊंचा रखने की कोशिश कर रहे हैं।



Comments

Popular posts from this blog

क्या आप ऑनलाइन पढ़ाई करते है तो जान ले ये बाते : ऑनलाइन पढ़ाए कोर्स की परीक्षा भी होगी ऑनलाइन

क्यों ऐसा है की twitter , facebook और ऐसे ही डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की अमेरिका एवम यूरोप के लिए एक नीति है और भारत के लिए दूसरी ?

The Family Man Season 2