जानलेवा हो सकती है ब्रेन ट्यूमर : ऐसे बचे ब्रेन ट्यूमर से क्या है पूरी जानकारी

लगातार सिरदर्द, चक्कर आना, सिर में भारीपन और शरीर पर नियंत्रण न होना ब्रेन ट्यूमर का कारण हो सकता है। इन लक्षण को हल्के में न लें, तुरंत जांच कराएं..

मस्तिष्क हमारे शरीर का बहुत ही आवश्यक और संवेदनशील अंग है। जब इसमें ट्यूमर विकसित हो जाता है तो जीवन के लिए खतरा बढ़ जाता है। अगर ट्यूमर का विकास बहुत धीमा है तो इसके उपचार के लिए थोड़ा समय मिल जाता है, लेकिन, की समस्या हो रही हो तो इसे नजरअंदाज कराना जरूरी होता है, क्योंकि उपचार कराने मस्तिष्क में प्रेशर बढ़ रहा है और मस्तिष्क में देरी कई बार मृत्यु का कारण बन सकती में प्रेशर बढ़ने का कारण ब्रेन ट्यूमर है। उपचार के लिए हर वर्ष आठ जून को वर्ल्ड की स्थिति का सामना कर रहे हैं तो सतर्क ह लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा इतने घातक होते हैं कि जांच के 9-12 महीन सके।

अगर ट्यूमर हाई ग्रेड का है तो तुरंत उपचार नहीं करना चाहिए। इसका मतलब है कि है। ब्रेन ट्यूमर की सही समय पर जांच व अगर आप पिछले कुछ दिनों से इस तरह ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है ताकि आम जाएं और तुरंत जांच कराएं। कुछ ब्रेन ट्यूम में मृत्यु का कारण बनते हैं। हालांकि सम

कभी-कभी सिरदर्द हो तो कोई बात नहीं, पर जांच व उपचार करा लिया जाए तो ठीक लेकिन अगर आपको लगातार कई दिनों से होने की काफी संभावना रहती है। सिरदर्द हो रहा हो, रात में तेज सिरदर्द होने से इन संकेतों को लें गंभीरता से नींद खुल रही हो, चक्कर आ रहे हों, सिरदर्द • दृष्टि संबंधी परिवर्तन।

के साथ उल्टी महसूस हो या उल्टी होने • बार-बार सिरदर्द होना। • बिना किसी कारण के उल्टी महसूस होना

या उल्टी आना।

• बोलने और सुनने में दिक्कत होना। • शारीरिक और मानसिक संतुलन गड़बड़ा
जाना। • दौरे पड़ना।

उपचार: ब्रेन ट्यूमर का उपचार ट्यूमर के आकार, प्रकार और स्थिति पर निर्भर करता है। अगर ट्यूमर ऐसे स्थान पर है, जहां ऑपरेशन के द्वारा पहुंचना संभव है तो सर्जरी का विकल्प चुना जाता है। जब ट्यूमर मस्तिष्क के संवेदनशील भाग के पास स्थित होता है तो सर्जरी जोखिम भरी हो सकती है। इस स्थिति में सर्जरी के द्वारा उतना ट्यूमर निकाल दिया जाता है जितना सुरक्षित होता है। अगर ट्यूमर के एक भाग को भी निकाल दिया जाए तो भी लक्षणों को कम करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर के उपचार के लिए आवश्यकतानुसार कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, टारगेट थैरेपी और रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल भी किया जाता है।

रेडियो सर्जरी, ब्रेन ट्यूमर का एक अत्याधुनिक उपचार है, यह एक ही सिटिंग

में हो जाता है और अधिकतर मामलों में मरीज उसी दिन घर जा सकता है। यह पारंपरिक रूप में सर्जरी नहीं है। इसमें कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को मारने के लिए रेडिएशन की कई बीम्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो एक बिंदु (ट्यूमर) पर फोकस होती हैं। इसमें विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे गामा नाइफ या लीनियर एक्सेलेटर। इसे रेडिएशन थेरेपी' से बहुत बेहतर माना जाता है और इसकी सफलता दर 80-90 फीसद है साथ ही साइड इफेक्ट्स भी बहुत कम होते हैं। देखभाल उपचार कराने के बाद भी अगर दैनिक गतिविधियां करने और बोलने में समस्या हो रही हो तो फिजिकल थेरेपी, स्पीच थेरेपी और ऑक्युपेशनल थेरेपी की सहायता ली जा सकती है।

अगर ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के उस भाग में भी विकसित हुआ था, जहां से बोलने, सोचने और देखने की क्षमता नियंत्रित होती है तो कई बार उपचार के पश्चात भी ये गतिविधियां सामान्य रूप से नहीं हो पाती हैं। उपचार के पश्चात मरीज की आवश्यकता के आधार पर चिकित्सक स्पीच थेरेपी के सेशंस लेने का सुझाव दे सकता है। इसके लिए स्पीच थैरेपिस्ट का सहारा लिया जा सकता है। मांसपेशियों की शक्ति को पुनः प्राप्त करने के लिए फिजिकल थेरेपी के सेशन दिए जाते हैं। ऑक्युपेशनल थेरेपी, सामान्य दैनिक गतिविधियों को फिर से प्राप्त करने में सहायता करती है। 
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