किसानों से कोई नहीं कर पाएगा जबरन खरीदारी या बिक्री इसके लिए वो जा सकते है जेल
प्रदेश में गेहूं की खरीदारी के लिए सरकार एक्शन में है। सरकार ने गेहूं बेचने वाले किसानों के साथ मनमानी और भयादोहन करने वाले पैक्सों-व्यापार मंडलों पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश भी दिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला स्तर पर गेहूं खरीद में तेजी लाने और खरीदारी करने वाली एजेंसियों पर निगरानी बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित कर जिलाधिकारियों को कमान सौंपी गई है। इसके अलावा मुख्यालय से 14 अफसरों को अलग-अलग जिलों में समीक्षा करने व एक्शन लेने की खास जिम्मेदारी दी गई है। ये अफसर जिलों में रवाना कर दिए गए हैं। किसानों की कठिनाई या समस्या सुनने को जिला नियंत्रण कक्ष और मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम का टाल फ्री नंबर 8003456290 एवं फोन नंबर 0612-2200693 भी उपलब्ध कराया गया है।
सख्ती
• सरकार ने गेहूं की खरीदारी में तेजी लाने को हर जिले में बनाया टास्क फोर्स
• टाल फ्री नंबर 1800345 6290 एवं फोन नंबर 0612-2200693 पर अपनी समस्या बता सकते हैं किसान
धान क्रय में पैक्सों व व्यापार मंडलों का दो माह का ब्याज माफ
सरकार ने पैक्सों और व्यापार मंडलों को भी बड़ी राहत दी है दो माह का ब्याज माफ कर दिया है। सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने बताया कि धान खरीद में पैक्सों को नवंबर तथा दिसंबर का ब्याज माफ कर दिया गया है, ताकि गेहूं खरीदारी में एजेंसियों का मनोबल बढ़ा रहे। उन्होंने बताया कि पहले से ही पैक्सों और व्यापार मंडलों को पुराने बोरे से ही गेहूं खरीद सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। नए बोरे उपलब्ध नहीं होंगे। कोरोना महामारी के चलते नए बोरों की खरीद में समस्या आ रही है।
केंद्र से गेहूं खरीद का कमीशन जल्द होगा तय
सहकारिता सचिव ने बताया कि गेहूं की खरीदारी में पैक्सों और व्यापार मंडलों को कमीशन भुगतान की कोई समस्या नहीं है। पिछले साल भी केंद्र सरकार ने जून में गेहूं खरीद का कमीशन 42 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था और एकमुश्त भुगतान हुआ था। इस बार भी केंद्र सरकार जल्द कमीशन तय करने जा रही है। इस पर केंद्र के संबंधित अधिकारी से बातचीत भी हुई है। फिर भी पैक्सों व व्यापार मंडलों को कमीशन की 80 फीसद राशि जारी की जा रही है।
किसान जिस पैक्स में चाहें गेहूं बेचें : सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था की है कि वे जिस पैक्स या व्यापार मंडल में चाहें गेहूं बेच सकते हैं। सचिव वंदना प्रेयसी ने बताया कि कृषि विभाग के किसान सलाहकार के माध्यम से भी गेहूं बेचने के इच्छुक 28,900 किसानों की सूची तैयार कराई गई है और उनमें से पांच हजार से ज्यादा से गेहूं की खरीद हो चुकी है।
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